Thursday, August 6, 2020

जानिये राम मंदिर अंदर से  कैसा होगा। 


Ayodhya Ram Mandir Model jagran special

करीब 134 साल पुराने मंदिर-मस्जिद विवाद पर 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद सभी लोगो ने इससे स्वीकार किया और 5 अगस्त 2020 को इसका भूमि पूजन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सकुशल संपन्न हुआ। 

अयोध्या

अयोध्या में राम मंदिर का भक्तो को बेसब्री से इंतज़ार है। इसी इंतज़ार को ख़त्म करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन में शामिल होके निर्माण प्रारम्भ को हरी झंडी दिखाई। भूमि पूजन के बाद यह तो साफ़ हो चूका है की राम मंदिर का निर्माण अब आरम्भ हो चूका है। तब तक के लिए तस्वीरों में देखिए कि अयोध्या में बनने वाला भव्य राम मंदिर कैसा होगा?

VHP unveils Ram temple model at Magh Mela | KalingaTV

चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया था राम मंदिर का मॉडल 

 
Ahmedabad architect unveils design of grand Ram mandir | Ahmedabad ... 

वीएचपी के राम जन्मभूमि मंदिर मॉडल मशहूर आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया था। उन्हें वीएचपी के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल ने यह काम सौंपा था। यह मॉडल भगवान विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार में होगा। नागर शैली में पूर्णतया पत्थरों से बनने वाले दो मंजिला मंदिर में पांच प्रखंड होंगे।


2 मंजिल, 5 प्रवेशद्वार और अष्टकोणीय आकार


Lord Ram Statue Land Protest In Ayodhya - अयोध्या में ...

वीएचपी ने कई साल मंदिर निर्माण के लिए अलग-अलग नक्शों पर विचार किया और फिर एक नक्शा तैयार किया। इस नक्शे को राम मंदिर का मूल स्वरूप माना जा रहा है। इस प्रस्तावित नक्शे के मुताबिक मंदिर 128 फीट ऊंचा, 140 फीट चौड़ा और 268.5 फीट लंबा होगा। इस दो मंजिला मंदिर में 212 स्तंभ होंगे।

मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। 

कोरोना संकट के बीच अयोध्या में 10 जून ...

मंदिर की छत पर एक शिखर होगा, जिसे भव्यता को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। मंदिर में पांच प्रवेशद्वार (सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे। रामलला की मूर्ति निचले स्तर पर ही विराजमान होगी। खास बात यह है कि मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता होगी।

दुनिया का सबसे ऊँचा मंदिर बनाने की मांग 


In pics: How Ram Mandir will look like after completion | India ...

ट्रस्टी स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने बताया कि वह चाहते हैं कि वीएचपी के ही मॉडल को मंदिर के लिए अपनाया जाए। स्ट्रक्चर के लिए पत्थरों भी तैयार हैं। वासुदेवानंद ने बताया कि मंदिर शानदार होना चाहिए, सबसे बड़ा होना चाहिए। संत ट्रस्ट पर दबाव नहीं बना सकते।

राम नवमी 2022 तक बनकर तैयार होगा राम मंदिर!


Ram mandir construction will start in Ayodhya from aprail 2020

ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने बताया कि एक बार ले आउट फाइनल होने के बाद ट्रस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करेगा। पीएम से मंदिर निर्माण से पहले भूमि पूजन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि मंदिर का निर्माण 2022 की राम नवमी तक बनकर तैयार हो जाएगा।

Thursday, July 2, 2020

अगर आपको भी आते है रात में बुरे सपने। तो यह हो सकता है उसका कारण। 



सपने हर इंसान देखता है और सपने देखने का अधिकार भी सभी को होता है, लेकिन ऐसे में कई सपने अच्छे होते तो कई बुरे। कई बुरे सपने ऐसे होते है जिन्हे देखने पर हम अचानक से उठ जाते है और डर जाते है। वही कुछ सपने ऐसे होते है जो सुबह उठने पर हमे याद नहीं रहते, हम उन्हें भूल जाते है। बुरे सपने हमे एहसास कराते है जैसे वो सपना नहीं वास्तव में हकीकत है। इसीलिए हम वैसा सपना दोबारा नहीं देखना चाहते। क्यूंकि व्यक्ति के अंदर एक डर बैठ जाता है की कहीं यह सपना सच हो गया तो। पर आखिर क्यों आते है ऐसे बुरे और डरावने सपने? क्या है इनके पीछे का कारण? आज हम इसी विषय के बारे में जानेंगे आइये जानते है :-


हर व्यक्ति अच्छी नींद लेना चाहता है। पर सोने का एक सही तरीका होना चाहिए। वास्तु के अनुसार सोते समय व्यक्ति के पैर उत्तर की ओर होने चाहिए तो उससे अच्छी नींद आती है। बुरे सपने आने का एक और कारण हो सकता है, अगर आपके बैडरूम में बाथरूम है तो वह भी बुरे सपने देखने का कारण हो सकता है। 


कब देखे गए सपने होते है सच?


ऐसा माना जाता है की अगर आपके बेड पर सामान बिखरा रहता है तो आपको बुरे सपने आते है। कई लोग अपने बेड के आस पास बहुत कबाड़ रख लेते है। जबकि ऐसी चीज़े बैडरूम से बाहर रखने में ही भलाई है। कुछ लोग अपने जूते चप्पल बेड के नीचे रख देते है जिससे नकरात्मक्त ऊर्जा फैलती है जिसका सीधा असर व्यक्ति की नींद पर पड़ता है। ज़्यादा तनाव लेना भी बुरे सपनो का कारण होता है। जब व्यक्ति पुरे दिन परेशान रहता है और उसी के विषय में सोचता रहता है तो वही तनाव बुरे सपने का रूप ले लेता है। 


अक्सर आज कल लोग सोते वक़्त मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करते है पर क्या आपको पता है की यह भी बुरे सपने आने का एक मुख्य कारण है। इसीलिए रात को सोते वक़्त अपने फ़ोन को किसी अलग जगह पर रख कर सोये। क्यूंकि रात में देखा गया फ़ोन या टीवी की चीज़े आपके दिमाग में घूमती रहती है और यही चीज़े सपनो का आकार ले लेती है। 

Sunday, June 21, 2020

आखिर क्यों लगायी सुशांत सिंह ने फांसी। क्या था इसके पीछे का कारण?






14 जून 2020, वो दिन जब बॉलीवुड ने एक होनहार उभरता सितारा खो दिया। बांद्रा स्थित उनके घर में उनका शव फांसी के फंदे से लटका हुआ पाया गया। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर ने बॉलीवुड को ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया को असमंजस में डाल दिया है। हर कोई उनके इस उठाये गए कदम के पीछे का कारण जानना चाहता है। आखिर क्या चल रहा था उनकी ज़िंदगी में जो उन्हें अपनी ज़िंदगी को अलविदा कहना पड़ा।

तो आइये जानने की कोशिश करते है की आखिर क्यों उठाया उन्होंने ऐसा कदम। झांकते है उनकी ज़िंदगी में।



  • 6 महीनो से करा रहे थे        डिप्रेशन का इलाज़ 

सुशांत पिछले 6 महीने से डिप्रेशन का शिकार थे और उसका इलाज भी करवा रहे थे। उनकी निजी जिंदगी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। सुनने में यह भी आया है की उनके घरवाले कुछ दिन में उनसे मिलने भी आने वाले थे पर उससे पहले ही सुशांत इस दुनिया को अलविदा कह गए। 

  • सुशांत के साथ रहते थे 4 लोग 


सुशांत बांद्रा स्थित एक डुप्लेक्स फ्लैट में रहते थे।  उनका फ्लैट छठी मंजिल पर है। उनके घर में 3 नौकर है जिनमे से एक कुक और 2 अन्य हेल्पर है। उनके साथ उनका एक डिज़ाइनर दोस्त भी रहता है। 


  •  मरने से पहले किया था आखिरी कॉल



सुशांत ने आखिरी कॉल अपने करीबी दोस्त महेश कृष्ण शेट्टी को किया था। हलाकि की सुशांत से उनकी बात नहीं हो सकी, क्यूंकि उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया था। पुलिस महेश से पूछताछ करेगी। पुलिस सुशांत का इलाज़ कर रहे डॉक्टर से भी पूछताछ करेगी। 

  • क्या हुआ था 14 जून की सुबह


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 जून की सुबह सुशांत 6 बजे ही उठ गए थे।  करीब साढ़े 9 बजे उनके नौकर ने उन्हें जूस दिया था।  इसके बाद वो करीब 10  बजे अपने कमरे में चले गए और बाहर नहीं निकले।  जब उनका नौकर खाने के लिए पूछने गया तो उन्होंने दरवाज़ा नहीं खोला।  बहुत कोशिश करने पर भी जब दरवाज़ा नहीं खुला तो चाबी वाले को बुलवाकर दरवाज़ा खुलवाया गया।  दरवाज़ा खुलते ही पंखे से लटकती हुई सुशांत की लाश दिखी जिसकी सुचना उनके नौकर ने तुरंत पुलिस को दी। 




  • भले ही आज सुशांत हमारे बीच नहीं है पर वह आज भी सबके दिलो पर राज करते है। उनकी अदाकारी और साधारणता को भुला पाना नामुनकिन है। कैसे एक इंसान अपनी हसी के पीछे इतना बड़ा दर्द छुपा लेता है, ये बात भी सुशांत हमे जाते जाते सीखा गए।