जानिये राम मंदिर अंदर से कैसा होगा।
करीब 134 साल पुराने मंदिर-मस्जिद विवाद पर 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट का मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद सभी लोगो ने इससे स्वीकार किया और 5 अगस्त 2020 को इसका भूमि पूजन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में सकुशल संपन्न हुआ।
अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर का भक्तो को बेसब्री से इंतज़ार है। इसी इंतज़ार को ख़त्म करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन में शामिल होके निर्माण प्रारम्भ को हरी झंडी दिखाई। भूमि पूजन के बाद यह तो साफ़ हो चूका है की राम मंदिर का निर्माण अब आरम्भ हो चूका है। तब तक के लिए तस्वीरों में देखिए कि अयोध्या में बनने वाला भव्य राम मंदिर कैसा होगा?
चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया था राम मंदिर का मॉडल
वीएचपी के राम जन्मभूमि मंदिर मॉडल मशहूर आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने बनाया था। उन्हें वीएचपी के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल ने यह काम सौंपा था। यह मॉडल भगवान विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार में होगा। नागर शैली में पूर्णतया पत्थरों से बनने वाले दो मंजिला मंदिर में पांच प्रखंड होंगे।
2 मंजिल, 5 प्रवेशद्वार और अष्टकोणीय आकार
मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा।
मंदिर की छत पर एक शिखर होगा, जिसे भव्यता को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। मंदिर में पांच प्रवेशद्वार (सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे। रामलला की मूर्ति निचले स्तर पर ही विराजमान होगी। खास बात यह है कि मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता होगी।
दुनिया का सबसे ऊँचा मंदिर बनाने की मांग
ट्रस्टी स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने बताया कि वह चाहते हैं कि वीएचपी के ही मॉडल को मंदिर के लिए अपनाया जाए। स्ट्रक्चर के लिए पत्थरों भी तैयार हैं। वासुदेवानंद ने बताया कि मंदिर शानदार होना चाहिए, सबसे बड़ा होना चाहिए। संत ट्रस्ट पर दबाव नहीं बना सकते।
राम नवमी 2022 तक बनकर तैयार होगा राम मंदिर!
ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने बताया कि एक बार ले आउट फाइनल होने के बाद ट्रस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क करेगा। पीएम से मंदिर निर्माण से पहले भूमि पूजन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि मंदिर का निर्माण 2022 की राम नवमी तक बनकर तैयार हो जाएगा।